एक ही मुश्दा सुभो लाती है ज़हन में धूप फैल जाती है सोचता हूँ के तेरी याद आखिर अब किसे …
हम पंक्षी उन्मुक्त गगन के पिंजरबद्ध न गा पाऐंगे कनक तीलियों से टकराकर पुलकित पंख टूट ज…
रीत भले है अलग हमारी पर पूजन तो पूजन है भाव सुमन है गीत भजन है स्वर क्या है अभ…
कहीं पे धूप की चादर बिछा के बैठ गए कहीं पे शाम सिरहाने लगा के बैठ गए जले जो रेत में तल…
चिंतन दर्शन जीवन सर्जन रूह नज़र पर छाई अम्मा सारे घर का शोर शराबा सूनापन तनहाई अम्मा …
ये तेरी बेरुखी की हमपे आदत खास टूटेगी कोई दरिया न ये समझे की मेरी प्यास टूटेगी तेरे वा…
मिले हर जख्म को ,मुस्कान से सीना नहीं आया अमरता चाहते थे पर, जहर पीना नहीं आया तुम्हार…
ग़मों को आबरू अपनी ख़ुशी को गम समझते हैं जिन्हें कोई नहीं समझा उन्हें बस हम समझते हैं कश…
अ भी चलता हूँ रस्ते को मैं मंजिल मान लू कैसे मसीहा दिल को अपनी जिद का कातिल मन लूँ कैस…
रिश्ते बस रिश्ते होते हैं कुछ इक पल के कुछ दो पल के कुछ परों से हल्के होते हैं बरसों क…
कुरान हाथों में लेके नाबीना एक नमाज़ी लबों पे रखता था दोनों आँखों से चूमता था झुकाके प…
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते जिस की आ…
उसके पहलू से लग के चलते हैं हम कहीं टालने से टलते हैं मै उसी तरह तो बहलता हूँ और सब जि…
हालत-ए-हाल के सबब हालत-ए-हाल ही गई शौक़ में कुछ नहीं गया शौक़ की ज़िंदगी गई एक ही हादस…
लौ-ए-दिल जला दूँ क्या कहकशाँ लुटा दू क्या है सवाल इतना ही इनका जो भी मुद्दा है मैं उसे…
कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगे | जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भात…
उम्र गुज़रेगी इम्तहान में क्या ? दाग ही देंगे मुझको दान में क्या ? मेरी हर बात बेअसर ह…
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