"लफ़्ज़" "आईने" हैं मत इन्हें "उछाल" के चल, "अदब" की "राह" मिली है तो "देखभाल" के चल मिली है "ज़िन्दगी" तुझे इसी ही "मकसद" से, "सँभाल" "खुद" को भी और "औरों" को "सँभाल" के चल..!... शुभ संध्या सभी भोपाली और जुड़े हुए दोस्तों को... #भोपाली from Bhopali - भोपाली http://ift.tt/1WJzGrS
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