मुसलमान खाली बैठेगा तो बच्चे पैदा करेगा - आज़म खान



एक बात बताओ कि 800 साल तक सत्ता से बाहर रहा हिन्दू समुदाय खुद के लिए रोज़गार की व्यवस्था कर लेता है
लेकिन
पिछले 800 साल में 600-700 साल सत्ता में रहे मुसलमान (खासकर जब अंग्रेजों ने भी मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति किया)
अगर बेरोजगार हैं

तो कहीं ना कहीं आपके कहने के मुताबिक आपकी कौम निकम्मी है
जो काम करना नहीं चाहती
या शायद राजनीतिक कारणों से आपके कौम को पंगु बना दिया गया तुष्टीकरण कर-कर के
या शायद .... जब मैं इतिहास खोल कर देखूँ और मुस्लिम आक्रमणकारियों के बारे में पढ़ूँ तो एक कारण यह भी समझ आता है
कि
लूट का माल आपकी आय का एक बहुत मुख्य स्त्रोत रहा
और
ऐसे में जब हालात बदले और लूट वाली आय सूखने लगी तो आप लोग आर्थिक रूप से कमजोर होते गए

खैर ! कारण तो आपको ही ढूँढना होगा
कि आखिर क्यूँ आपकी कौम के लोग (जैसा कि आप कह रहे हैं) इतनी भारी संख्या में बेरोजगार हैं
और एक बात !

दुनिया बदल रही है दुनिया के तौर तरीके बदल रहे हैं
आप यदि आज भी 1400 साल पुरानी मानसिकता में जीयेंगे
वो भी एक ऐसी जगह की संस्कृति में.... जो हमेशा पिछड़ी हुई रही है और जिसकी संपन्नता सिर्फ लूट या दूसरों की संस्कृति और विज्ञान के आधार पर रही है... यदि आप उसी आधार पर चलते रहेंगे तो आप कभी दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर नहीं चल पाएंगे

एक बात और !
क्यूंकि आपने अपनी कौम और हिंदुओं की तुलना किया
इसलिए आपको बता दूँ
कि
हिन्दू इसलिए आगे बढ़ रहे हैं
क्यूंकि उन्होंने अपनी जड़ता को समाप्त किया

आज हिंदुओं में कोई शंकराचार्य यह घोषणा नहीं कर सकता
कि
सारे हिन्दू किसी एक पार्टी को वोट दें

लेकिन ऐसा आपके यहाँ होता है
जिसका अर्थ है कि आज भी आपकी कौम में व्यक्तिगत राजनीतिक चेतना नहीं जागी है
इसका यह भी अर्थ है कि आपकी कौम में लोगों के दिमाग में डर बना कर रखा जाता है

हिंदुओं में किसी भी व्यक्ति के पारिवारिक मामलों में यहाँ तक उसके सामाजिक तौर तरीकों और धार्मिकसोच में भी किसी पंडित का दखल नहीं होता है
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आपने कहा हिंदुओं ने मुसलमानों से ज्यादा बच्चा पैदा करना सीखा

तो आपकी गलतफहमी दूर कर दूँ

महाभारत में 100 कौरवों का किस्सा लिखा गया है

जो आपके कौम के शुरुआत से कई हजार साल पहले घटित हो चुका है

तो कृपया अपने ज्ञान का स्तर बढ़ा लें तब भाषण दें

हिंदुओं ने जब यह देखा कि समय बदल रहा है जीने के तौर तरीके बदल रहे हैं
तो
उसने नए तौर तरीकों में खुद को ढाला
और quantity के बजाय quality को प्रमुखता दिया
इसीलिए पढे लिखे हिंदुओं ने 1-2 बच्चे रखने पर ध्यान दिया
ताकि
उन बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें
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और हाँ ! आपकी पार्टी आज उसी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है
जिसने आज़ादी के बाद देश में अधिकांश समय शासन किया
जिसका मतलब है वही पार्टी जिसके शासन काल में मुसलमानों के लिए रोज़गार पैदा नहीं हो पाए

तो अब आज़म ख़ान बताएं कि आखिर उनकी पार्टी ने काँग्रेस के साथ गठबंधन क्यूँ किया ?

क्या वो सत्ता के लोभी हैं या मुस्लिम हितों की चिंता उनके लिए सिर्फ एक राजनीतिक दांव पेंच है या वास्तव में वो खुद भी मुसलमानों को सिर्फ एक वोट बैंक समझते हैं

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