एक अरसा हुआ अल्फ़ाज़ों को स्याही में भीग देखे हुए। कम्बखत मोबाइल ने चिट्ठियों का वजूद ही खत्म कर दिया...



एक अरसा हुआ अल्फ़ाज़ों को स्याही में भीग देखे हुए।
कम्बखत मोबाइल ने चिट्ठियों का वजूद ही खत्म कर दिया...