Har Ek Khone Har Ek Paane Me Teri Yaad Aati Hai - Dr. Kumar Vishwas | Bhopali2Much



हर इक खोने में हर इक पाने में तेरी याद आती है
नमक आँखों में घुल जाने में तेरी याद आती है
तेरी अमृत भरी लहरों को क्या मालूम गंगा माँ
समंदर पार वीराने में तेरी याद आती है

हर इक खाली पड़े आलिंद तेरी याद आती है
सुबह के ख्वाब के मानिंद तेरी याद आती है
हलो हे हाय सुनकर तो नहीं आती मगर हमसे
कोई कहता है जब जयहिंद तेरी याद आती है

कोई देखे जनमपत्री तो तेरी याद आती है
कोई व्रत रख ले सावित्री तो तेरी याद आती है
अचानक मुश्किलों में हाथ जोड़े आँख मूँदे जब
कोई गाती हो गायत्री तो तेरी याद आती है

सुझाए माँ जो महूरत तो तेरी याद आती है
हँसे गर बुद्ध की मूरत तो तेरी याद आती है
कहीं डालर के पीछे छुप गए भारत के नोटों पर
दिखे गाँधी की जो मूरत तो तेरी याद आती है

अगर मौसम हो मनभावन तो तेरी याद आती है
झरे मेघों से गर सावन तो तेरी याद आती है
कहीं रहमान की जय हो को सुनकर गर्व के आँसू
करे आँखों को जब पावन तो तेरी याद आती है

डॉ. कुमार विश्‍वास 

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