आठ फुटा महाराणा से कद अपना नापा करते थे.....
देख सामने अकबर के भी गुर्दे काँपा करते थे...
घास चपाती खाने वाला,खुद खुद्दार कहानी था....
मेवाड़ी पानी के आगे अकबर पानी पानी था...
रजपूती गाथा के तन पर स्वाभिमान का जेवर था....
मरते दम तक नही झुका वो सूर्यवंश का तेवर था....
साहस, शौर्य, स्वाभिमान और पराक्रम के प्रतीक महान योद्धा, राष्ट्रभक्ति के अमर प्रेरणास्रोत महाराणा प्रताप जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन !
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