Title Song
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोस्त्वकर्मणि।।
महाभारत (३)
अत श्री महाभारत कथा (२)
महाभारत कथा (२)
कथा है पुरुषार्थ की यह
पार्थ की, परमार्थ की
सारथी जिनके बने श्रीकृष्ण भारत पार्थ की
शब्द दिग्घोषित हुआ जब
सत्य सार्थक सर्वदा
शब्द दिग्घोषित हुआ...
यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानीर भवति भारत
अभ्युत्थानम् अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।
परित्राणाय साधुनाम विनाशायच दुष्कृताम
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।।
End Song
सीख हम बीते युगो से
नए युग का करे स्वागत
करे स्वागत, करे स्वागत, करे स्वागत।
भारत की है कहानी
सदियों से भी पुरानी
है ज्ञान की यह गंगा
ऋषियों की अमर वाणी।
यह विश्वभारती है
वीरों की आरती है
है नित नयी पुरानी
भारत की है कहानी।
महाभारत (४)
ओ ओ ओ ओ महाभारत ।।
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