कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के शहर वुहान से हुई थी और उसके बाद यह वायरस पूरे विश्व में फैल गया। आज विश्व भर में 30 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ गए हैं और भारत में भी इसकी संख्या 30 हजार के पार जा चुकी है। ऐसे में विश्व भर के लोग चीन को इसके लिए दोषी ठहरा रहे हैं और चाइनीज समान के बहिष्कार की भी बातें कर रहे हैं। खास कर मोबाइल यूजर्स के बीच इसे लेकर काफी रोष देखा जा रहा है। तो सवाल यही है कि क्या कोरोना वायरस खत्म होने के बाद जब लॉकडाउन खुलता है तब चाइनीज फोन के सेल पर फर्क पड़ेगा? या फिर यह सिर्फ सोशल पर शोर है और ग्राउंड लेवल पर ऐसी कोई बात नहीं है?
कैसा है लोगों का रियेक्शन
लॉकडाउन के दौरान हम सभी अपने—अपने घर से काम कर रहे हैं और बाहर जानें का मौका नहीं मिला है। स्टोर पर हमने सर्वे नहीं किया है लेकिन फेसबुक और यूट्यूब सहित दूसरे सोशल चैनल पर जब भी किसी चाइनीज फोन के लॉन्च या उससे सम्बंधित कोई पोस्ट डाल रहे हैं तो उस पर कमेंट की बाढ़ सी आ रही है।ज्यादातर लोग यही कहते नजर आ रहे हैं कि अब चीनी मोबाइल कंपनियों के फोन नहीं लेना है। ऐसे कमेंट्स पहले भी आते थे लेकिन इनकी संख्या एक दो ही होती थी। परंतु अब हर पोस्ट पर चाइनीज फोन के खिलाफ ढेर सारे कमेंट्स हैं। यही वजह है कि चाइनीज कंपनियों के लिए थोड़ी बात तो बिगड़ती नजर आ रही है।
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क्या कहता है ट्रेड
सोशल मीडिया पर जब इस तरह का ट्रेंड चला तो हमने इस बारे में ऑल इंडिया मोबाइल रिटेर्स एसोसिएशन (AIMRA) के नेशनल प्रेसीडेंट अरविंदर खुराना से बात की। इस बारे में उनका कहना था कि “सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी शोर हो सकती है लेकिन ग्राउंड लेबल पर ऐसा कुछ नहीं है। चाइनीज फोन के मार्केट शेयर पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है और न ही सेल में कोई कमी आने वाली है। लॉकडाउन या लॉकडाउन के बाद बाजार को स्थिर होने में समय लगेगा और इस दौरान सभी फोन के सेल पर असर पड़ेगा न कि सिर्फ चाइनीज फोन पर।”
उन्होंने आगे कहा कि “हम भले ही शाओमी, ओपो और वीवो जैसे ब्रांड को चाइनीज कंपनी जानते हों लेकिन अब ये इंडियन हो चुकी हैं और भारत में ही इनके फोन का प्रोडक्शन होता है। वहीं यदि चाइनीज ब्रांड्स को लेकर यदि इस तरह का माहौल बन भी रहा है तो लॉकडाउन खुलने के बाद कंपनी भी अपने प्रमोटर्स द्वारा मेक इन इंडिया कैंपेन के माध्यम से यूजर्स को जागरुक करेगी। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि फर्क पड़ेगा। रही बात ट्रेड की तो अभी यही कहूंगा कि पहले कोरोना को खत्म होने दें और ट्रेड को वापस आने दें फिर असलियत समझ आएगी।”
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वहीं इस बारे में दिल्ली करोलबाग स्थित मोबाइल रिटेल शॉप चला रहे अशोक कुमार का कहना है कि “बातें हर बार होती हैं लेकिन हकीकत ऐसी नहीं है। जब बात पैसा खर्च करने की आती है तो फिर लोगों की प्राथमिकता बदल जाती है। स्टोर पर आकर लोग चाइनीज कंपनी के फोन ही लेते हैं। रही बात रिटेलर्स की तो यदि वे चाइनीज फोन नहीं बेचें तो क्या बेचें। ऑफलाइन रिटेलर्स की इतनी बड़ी तादाद है और कोई सिर्फ एक सैमसंग के दम पर जिंदा नहीं रह सकता। इसलिए मुझे नहीं लगता कि लॉकडाउन के बाद चाइनीज फोन के सेल पर कोई फर्क पड़ेगा।”
अभी क्या है स्थिति
हालांकि लॉकडाउन में कई जगह थोड़ी ढील दी गई है लेकिन अब भी बाजार बड़े पैमाने पर नहीं खुल रहा है। कुछ जगहों पर दुकानें सुबह-शाम 2-2 घंटे के लिए खुल रही हैं और इस दौरान थोड़े बहुत फोन की सेल भी शुरू हो चुकी है। हमने दिल्ली सहित कुछ जगहों पर मालूम किया तो चाइनीज फोन अब भी उसी अनुपात में बिक रहे हैं जैसे पहले बिक रहे थे।
हालांकि दुकानें अभी बड़े पैमाने पर नहीं खुली हैं और खुद भी हम लोग अभी स्टोर्स पर नहीं गए हैं। ऐसे में पूरी स्थिति बयां नहीं कर सकता लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि जो कुछ भी होगा वह पहले से अलग होगा।
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