जलती रही जौहर में नारियॉं ,भेड़िये फिर भी मौन थे.!
हमे पढ़ाया अकबर महान ,तो फिर 'महाराणा' कौन थे.?
क्या वो नहीं महान जो बड़ी-बड़ी ,सेनाओं पर चढ़ जाता था.!
या फिर वो महान था जो सपने ,में प्रताप को देख डर जाता था.!!
रणभूमि में जिनके हौसले ,दुश्मनों पर भारी पड़ते थे.!
ये वो भूमि है जहॉ पर नरमुण्ड ,घण्टो तक लड़ते थे.!!
रानियों का सौन्दर्य सुनकर ,वो वहसी कई बार यहाँ आए.!
धन्य थी वो स्त्रियाँ, जिनकी ,अस्थियाँ तक छू नहीं पाए.!!
अपने सिंहो को वो सिंहनिया ,फौलाद बना देती थी.!
जरुरत जब पड़ती, काटकर शीश थाल सजा देती थी.!!
पराजय जिनको कभी ,सपने में भी स्वीकार नही थी.!
अपने प्राणों को मोह करे,वो पीढी इतनी गद्धार नहीं थी.!!
वो दुश्मनों को पकड़कर ,निचोड़ दिया करते थे.!
पर उनकी बेगमों को भी ,माँ कहकर छोड़ दिया करते थे.!!
तो सुनो यारों ऐसे वहशी ,दरिन्दो का जाप मत करो.!
वीर सपूतों को बदनाम करने का पाप अब मत करो.
🙏जय मेवाड़---जय राजस्थान🙏
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