सबका अपना तरीका है "फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन" का भंसाली साहब फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन के चलते इतिहास से छेड़छाड़ कर सकते हैं तो असली राजपूत उसी फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन के तहत उसका विरोध भी कर सकते है... बाजीराव को देवदास बताने पर मराठियों ने तो चुपचाप सेह लिया पर पद्मावती के इतिहास से छेड़छाड़ करने पर राजपूतों ने बता दिया की उनका खून अभी भी गरम है.. सुधर जाओ बॉलीवुड वालों ... #पद्मावती #बाजीराव #भंसाली
0 Comments