इंसान कितना भी नास्तिक क्यों न हो... पर जब वो दुनिया से थक कर भगवान् की शरण में जाता है तो भगवान् उसे अपने बच्चे की तरह स्वीकार करते है और उसी क्षण इंसान की सारी चिंता, दुःख, परेशानी मंदिर की घंटियों की ध्वनि में कहीं गुम हो जाती है। 🙏 जय महाकाल 🙏 - Bhopali2much -


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