२३ मार्च को अखिल भारत महान रो पड़ा - Bhopali2much

तीन युवा परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा
वो हंस रहे थे मगर, हिन्दुस्तान रो पड़ा

जिए तो खूब जिए और मरे तो खूब मरे
महाविदाई पर सतलुज का श्मशान रो पड़ा

गर्दनों के गुलाबों ने किया माँ का अभिषेक
ओजभरी कुर्बानी पर सारा जहान रो पड़ा

इंसानों को तो रोना ही था बहुत मगर
बड़े भाइयों के थमने पर तूफ़ान रो पड़ा

भगत, सुखदेव, राजगुरु दिलों में हैं
२३ मार्च को अखिल भारत महान रो पड़ा

शत शत नमन और भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

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