राजनीति का बाज़ार गर्म है, 2019 तक जारी रहेगा माहौल सावधान रहे सचेत रहे और अपनी बुद्धि से काम लें ...

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एक समय वोडाफोन पर MI6 के लिए जासूसी के आरोप लगे, एक बार कैस्पर स्काई के KGB के लिए जासूसी के आरोप लगे, एक बार सीगेट हार्ड ड्राइव पर CIA के लिए जासूसी के आरोप लगे, और तो और एक बार बाकायदा 39-42 एप्प द्वारा चीन की जासूसी करने के कारण, इन को अपने फोन से हटाने को कहा गया जिसमें UC ब्राउज़र प्रमुख है।

किसीने हटाया?? किसी को फर्क पड़ा?? जवाब है नहीं।

क्योंकि हम लापरवाह समाज हैं और उस से ज्यादा "हम इस तरह होने वाली जासूसी पर यकीन ही नही करना चाहते"

जिस एंड्राइड और माइक्रोसॉफ्ट से हम अपना कम्प्यूटर और मोबाइल चलाते हैं वो दोनों ही अमेरिकी हैं और उनका सारा सर्वर वहीं है। मतलब हमारे मोबाइल से लेकर कंप्यूटर तक की हर जानकारी अमेरिका के पास है। ना सिर्फ अमेरिका बल्कि अपने अपने साधनों के माध्यम से हर देश के पास है। यही वजह है कि सरकारी जरूरी डेटा के लिए इस्तेमाल होने वाला कंप्यूटर, ऑपरेटिंग सिस्टम और उसका इंटरनेट कनेक्शन हमारा अपना है। उसके लिए आप सुनते हैं कि "साइबर हैकिंग" की कोशिश होती है। यह सब आज सामान्य हो गया है। आज "साइबर वॉर" सबसे बड़ी लड़ाई है, जिसमें हम बहुत पीछे हैं।

एक फेसबुक प्रकरण तो इसलिए बड़ा बन गया कि एक डेटा एनालिसिस करने वाली कम्पनी भी उस डेटा को हासिल कर गयी, जिसे सामान्यतः खुफिया एजेंसी प्राप्त करती हैं। 

पप्पू गांडी जिस नमो एप्प द्वारा डेटा चोरी की बात कर खुद के कांडों को दबाने की कोशिश कर रहा है, वो एक सामान्य प्रक्रिया है। हर एंड्राइड चलाने वाला जानता है कि जब हम कोई एप्प इंस्टाल करते हैं तो एप्प हमे हमारे कॉन्टेक्ट्स, हमारी गैलरी, हमारे ऑडियो, हमारे वीडियो आदि हर जगह एक्सेस करने की अनुमति मांगता है, तो ये कहना कि नमो एप्प तुम्हारी जानकारी मांग रहा है, पप्पू जैसे अनपढ़ के लिए नई बात हो सकती है, आम एंड्राइड यूज़र्स के लिए नहीं। खुद इसकी NSUI या कांग्रेस एप्प मेम्बरशिप के लिए ऐसा ही डेटा एक्सेस होता है लेकिन इसके किसी पिद्दी को नही पता होगा तो ये कैसे जानेगा।

ये बात सच है कि ये एक्सेस जासूसी के लिए ही मांग जाता है लेकिन वो जासूस किसी एप्प से पहले, गूगल है। कोई एप्प तो उसके बाद एक्सेस करेगी, और जब इतनी एप्प और सॉफ्टवेयर द्वारा अपना सारा कुछ पहले ही लूटा चुके हो तो अब किस बात की चिंता??

और चिंता है तो फेंक दो अपना एंड्राइड-एप्पल आदि। बनाओ चीन की तरह खुद का गूगल-एंड्राइड-फेसबुक।

नही है हिम्मत तो कृपया करके पप्पू की बातों में मत आओ। एक एप्प द्वारा आपकी मोबाइल इनफार्मेशन लेने और एक कम्पनी द्वारा आपका डेटा चुराने में बहुत फर्क है। चोरों को नोटिस जारी हुआ है, इसलिए चोर उल्टा कोतवाल को डांटने की कोशिश कर रहा है।

इनके ट्वीट को मिलने वाले हजारों लाइक्स और रिट्वीट पर भी घबराने की जरूरत नही, वो सब इनकी PR कम्पनी द्वारा इसे दिलाये जाते हैं। बाकि सचेत रहिये फेक खबरों से, 2019 तक आपको हर दिन एक फेक या व्यर्थ की खबर ही उछली मिलेगी।

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