भारत में आजकल प्रायोजित मुद्दों की धूम है, सावधान रहे सतर्क रहे और अपनी बुद्धि एवं विवेक से काम लें

अचानक से ट्रेन एक्सिडेंट होने लगते है,कभी पटरी टूटना, डिब्बे चढ़ना,ट्रेन टकराना ...
कुछ दिन अखबारों की सुर्खियों मे शामिल होते है, फिर अचानक से सब ठीक हो जाता है?
अचानक से गौ हत्या होने लगती है,गौ तस्करी के खुलासा होता है, गौ मांस पकडे जाते हैं....फिर कुछ समय बाद सब कुछ शांत जैसे कही कुछ हुआ ही नहीं?
अचानक से संभ्रांत लोगो को भारत मे रहने मे डर लगने लगता है,देशप्रेम जाग जाता है,राष्ट्र वाद पर बहस होने लगती है!राष्ट्रगान बहस का मुद्दा बन जाता है,गृह युद्ध की बाते हवा में गूंजने लग जाती है ? सरकार वही,समाज वही फिर देश अचानक से रहने लायक भी हो जाता है?....कोई देश छोडकर नही जाता,आश्चर्य हो रहा है ना ?
कशमीर में अचानक ने पत्थर बाजी शुरू हो जाती है,सेना पर सवाल खडे होने लगते है,कुछ लोगो की मृत्यु को ढाल बनाया जाता है,अखबारों की सुर्खिया मिलती है.....फिर अचानक से सब शांत ?
देश मे कुशासन के नाम पर लोग अपने अवार्ड वापस करने लगते है,प्रसाशन को कटघरे मे खडा करने लगते है,कुछ दिन पूरे देश मे काफी हो हल्ला होता है.... फिर अचानक से सब कुछ शांत हो जाता है?
कुछ दिन तो भारत माता की जय, वंदेमातरम भी वातावरण मे गुंजायमान रहा, सभी ने खुब चटखारे ले लेकर बाते की,जोश मे हवा मे मुक्के मारे गये,मिट्टी के शेरों ने एक दुसरो को खुब ललकारे लगाई,फिर सब टांय टांय फिस्स जैसे कुछ हुआ ही नहीं ?
भारत की फिजा मे अचानक से तीन तलाक़, हलाला और बहु विवाह का मुद्दा गूंजने लगता है,सोशल मिडिया पर नमक मिर्च लगाकर कुछ दिन खूब मसालेदार पोस्ट किये जाते है,बहस होती है,खुब गाली गलौज होती है,तेरी मेरी होती है और..... फिर अचानक से सब कुछ शांत हो जाता है।
अचानक से दलितों पर अत्याचार बढ जाते है,कही उनकी पिटाई होती है तो कही उनको मारा जाता है, देश मे दलितों के लिए प्यार उमड़ने लगता है। दलित आंदोलन होते है ....फिर सब कुछ अचानक से शांत हो जाता है?
कही मराठा आंदोलन उभरता है,कभी जाट आंदोलन सुर्खियों में रहने लगता है,कभी पटीदार आंदोलन करने लगते है।ये मुद्दे भी मिडिया की सुर्खिया पाते है,जनता और सोशल मीडिया पर पक्ष-विपक्ष में बहस और बयानबाज़ी होती है और ......फिर सब कुछ अचानक से शांत हो जाता है ,जैसे कोई बात ही नही हुई है।
आज कल देश मे बाबा साहब आंबेडकर और बलात्कार का मुद्दा छाया हुआ है ? .....देखना कुछ दिन बाद सब शांत जैसे कभी कुछ हुआ ही नहीं था और .... फिर कुछ दिन बाद फिर कोई नया
#प्रायोजित_मुद्दा हिंदुस्तान की फ़िजा में गूंजने लगेगा !!
विरोधी अपनी हर-चाल चल रहा है इस राष्ट्रवादी सरकार को बदनाम करने की अब सही फैसला लेना आपके हाथ मे है बस याद रखियेगा आपका फैसला ही आपका भविष्य भी निर्धारित करेगा इस देश मे

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