भेड़ों से नेताजी ने वादा किया कि वे हर भेड़ को एक-एक कम्बल देने जा रहे है।
भेड़ों का झुण्ड ख़ुशी से झूम उठा । उनकी हर्ष ध्वनि से आकाश में चहुंओर मिमियाहट गूंजने लगी।
फिर एक मेमने ने धीरे से अपनी माँ से पूछ लिया कि ये नेताजी हमारे कम्बलों के लिए "ऊन" कहाँ से लाने वाले हैं??
फिर वहां "सन्नाटा" था!!!
काश कि ये सवाल लोग
राजनीतिक दलो से पूछते कि फ्री चावल,गेँहू,चीनी,नमक दुध्,घी,मोबाइल फोन,साईकल,लेपटॉप आदि कहाँ से ला कर देगें.....??????
#विचार अवश्य करें
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