शहजादे का हुक्म हुआ है, कुछ ना बोले
साठ सालो का बीता इतिहास बिल्कुल ना खोले
नेहरू से लेकर गांधी का, इमरजेंसी की आंधी का
चौरासी के दंगों का, सत्ता के भूखे नंगो का
उन सारे घोटालों का, उजले कपड़े वालो का
गैस कांड भोपाल का, बोफोर्स के उस दलाल का
इतने बम विस्फोट भी भूलें, सबको पहुंची चोट भी भूलें
दस जनपथ के षड़यंत्रो का कच्चा चिट्ठा ना टटोले
पर शहजादे का हुक्म हुआ है, कुछ ना बोले
सत्ता से दूर पांच साल, हो गये सब इतने बेहाल
भूल गये है सब वो सारे, गरीबी हटाओ के नारे
हटी गरीबी साठ सालो मे, हुआ परिवर्तन कंगालों मे
रूपया एक चला दिल्ली से, मिला बीच मे बिल्ली से
खा गई वो पंचानबे पैसे, मिला पांच ही जैसे तैसे
उसको पाते पाते भी, पांव में आ गये फफोले
पर शहजादे का हुक्म हुआ है, कुछ न बोले
नेहरू की अय्याशी भूलें, सरदार की मजबूरी भूले
या भूले हमला चीन का, हमसे हड़पी जमीन का
मृत्यु भूलें लाल की, इटली मे पहुंचे माल की
सबसे मांगी भीखो का, अमेरिका की सीखो का
झुकी हुई अपनी गरदन का, केसर घाटी मर्दन का
राष्ट्रभक्ति का ढोंग रचाते कभी सांप तो कभी संपोले
पर शहजादे का हुक्म हुआ है, कुछ न बोले
दिल से........... शेयर कीजिये दिल से
साठ सालो का बीता इतिहास बिल्कुल ना खोले
नेहरू से लेकर गांधी का, इमरजेंसी की आंधी का
चौरासी के दंगों का, सत्ता के भूखे नंगो का
उन सारे घोटालों का, उजले कपड़े वालो का
गैस कांड भोपाल का, बोफोर्स के उस दलाल का
इतने बम विस्फोट भी भूलें, सबको पहुंची चोट भी भूलें
दस जनपथ के षड़यंत्रो का कच्चा चिट्ठा ना टटोले
पर शहजादे का हुक्म हुआ है, कुछ ना बोले
सत्ता से दूर पांच साल, हो गये सब इतने बेहाल
भूल गये है सब वो सारे, गरीबी हटाओ के नारे
हटी गरीबी साठ सालो मे, हुआ परिवर्तन कंगालों मे
रूपया एक चला दिल्ली से, मिला बीच मे बिल्ली से
खा गई वो पंचानबे पैसे, मिला पांच ही जैसे तैसे
उसको पाते पाते भी, पांव में आ गये फफोले
पर शहजादे का हुक्म हुआ है, कुछ न बोले
नेहरू की अय्याशी भूलें, सरदार की मजबूरी भूले
या भूले हमला चीन का, हमसे हड़पी जमीन का
मृत्यु भूलें लाल की, इटली मे पहुंचे माल की
सबसे मांगी भीखो का, अमेरिका की सीखो का
झुकी हुई अपनी गरदन का, केसर घाटी मर्दन का
राष्ट्रभक्ति का ढोंग रचाते कभी सांप तो कभी संपोले
पर शहजादे का हुक्म हुआ है, कुछ न बोले
दिल से........... शेयर कीजिये दिल से
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