क्रिकेट से सन्यास की खबर वैसे तो निजी निर्णय है...
हम तो चाहते थे कि हमेशा ही युवराज को खेलते देखें ..
कौन भूल सकता है
- अपने पहले अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में आस्ट्रेल्यिा के खिलाफ 80+ रन बनाकर मेन आफ द मैच होना
- नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में कैफ के साथ साझेदारी,
- पीठ में दर्द होने के बाद भी 150+ रन कि पारी,
- 2007 के T20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्राड के एक ही ओवर में 6 छक्के
- कैंसर से लड़ते हुए वर्ल्ड कप 2011 में 4 मैचों में मेन ऑफ दी मैच के साथ मेन ऑफ दी सीरीज बनना
- कैंसर से जीतकर भारतीय टीम में वापसि करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ शतक जमाना
- उड़ते हुुुए वो कैच लपकना ...
- भारतीय टीम में फिल्डिंग को एक नए मुकाम पर पहुंचाना ...
- .... और अनगिनत ऐसे कीर्तिमान जो क्रिकेट के इतिहास में सदा के लिए यादगार बन गए हैं...
खिलाड़ी हमेशा खिलाड़ी रहता है ...
मेरे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक युवराज सिंह को सन्यास उपरांत आने वाले जीवन के लिए शुभकामनाएं ...
युवराज के कैरियर को देखते हुए दो लाइन
ये जोश, ये जुनून, ये जज्बा, ये अंदाज - ए - परवाज कहा मिलेगा,
अब क्रिकेट को दूसरा युवराज कहाँ मिलेगा !!
...
Once a Legend Always a Legend.
You are the Legend Yuvi
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