मैं भाव सूची उन भावो की - डॉ. कुमार विश्वास


मैं भाव सूची उन भावो की जो बिक़े सदा ही बिन तोले
तन्हाई हूँ हर उस ख़त की जो पढ़ा गया है बिन खोले
हर आंसू को हर पत्थर तक पहुचाने की लाचार हूक
हर आंसू को हर पत्थर तक पहुचाने की लाचार हूक
मैं सहज अर्थ उन शब्दों का जो सुने गए हैं बिन बोले
जो कभी नहीं बरसा खुल कर हर उस बादल का पानी हूँ
लव कुश की पीर बिना गाई सीता की राम कहानी हूँ
मैं भाव सूची उन भावों की जो बिक़े सदा ही बिन तोले

जिनके सपनों के ताजमहल बनने से पहले टूट गए
जिन हाथों में दो हाथ कभी आने से पहले छूट गए
धरती पर जिनके खोने और पाने की अजब कहानी है
किस्मत की देवी मान गई पर प्रणय देवता रूठ गए
मैं मैली चादर वाले उस कबिरा की अमृत बनी हूँ
लव कुश की पीर बिना गाई सीता की राम कहानी हूँ

कुछ कहते हैं मैं सीखा हूँ अपने जख्मो को खुद सी कर
मुझे जान गए मैं हँसता हूँ भीतर भीतर आंसू पीकर
कुछ कहते हैं मैं हूँ विरोध से उपजी एक खुद्दार विजय
कुछ कहते हैं मैं रचता हूँ खुद में जी कर खुद में मर कर
लेकिन मैं हर चतुराई की सोची समजी नादानी हूँ
लव कुश की पीर बिना गाई सीता की राम कहानी हूँ..


- डॉ. कुमार विश्वास -

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