क़बीले वालों के दिल जोड़िए मिरे सरदार - कैफ़ भोपाली


‪क़बीले वालों के दिल जोड़िए मिरे सरदार,‬  ‪
सरों को काट के सरदारियाँ नहीं चलतीं !‬  ‪
जनाब-ए-'कैफ़' ये दिल्ली है 'मीर' ओ 'ग़ालिब' की,‬  ‪
यहाँ किसी की तरफ़-दारियाँ नहीं चलतीं !‬
(कैफ़ भोपाली)‬

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