यह हार नहीं है कैराना की,
हिन्दू की अकुलाहट है!
पश्चिम यूपी से उठती क्यों,
फिर गजवे की आहट है !!
हमनें तुमको दिया सिंहासन,
हर हर मोदी नाम दिया!
तुम भी ज़रा बताओ खुलकर,
क्या हिन्दू का काम किया??
तिरपाल अवध में टंगा हुआ है,
घाटी अब भी रोती है!
महबूबा की गलबहियों में,
कूटनीति क्यों सोती है??
भ्रमित हुए तुम सत्ता पाकर,
या फिर मद में फूल गये!
जिसके बल पर चमके हो तुम,
उसी राम को भूल गये!!
सबको संग रखने की ज़िद में,
अपना अक्सर खोता है!
मानवता का साथी बोलो,
दानव कुल कब होता है!!
इमदादों की झड़ी लगा दी,
बस जन्नत ही बाक़ी है!
चक्कर सारे चला चुके हो,
बस सुन्नत ही बाक़ी है !!
तुम कितना भी ज़ोर लगा लो,
वोट न उनका पाओगे!
लोमड़ियों की संगत में तुम,
अपने सिंह गँवाओगे!!
समय तीव्र गति भाग रहा है,
राम लला की शरण गहो!
लोमड़ियों का साथ छोड़कर,
हिंदू हित का चरण गहो!!
फिर तुमको यह रूठा हिन्दू,
स्वर्ण तुला में तोलेगा!
भारत का हर बच्चा बच्चा,
हर हर मोदी बोलेगा...!!
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