मौसम की मनमानी है
आँखों आँखों पानी है
साया-साया लिख डालो
दुनिया धुप कहानी है
सब पर हँसते रहते हैं
फूलों की नादानी है
हाय ये दुनिया! हाय ये लोग,
हाय ये सब कुछ फानी है
साथ एक दरिया रख लेना,
रास्ता रेगिस्तानी है
कितने सपने देख लिए
आँखों को हैरानी है
दिलवाले अब कम-कम हैं,
वैसे कौम पुराणी है
बारिश, दरिया, सागर, ओस,
आंसू पहला पानी है
तुझको भूले बैठे हैं,
क्या ये कम क़ुर्बानी है
दरिया हमसे आँख मिला,
देखें कितना पानी है
- राहत इन्दौरी
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