इश्क़ क्यूँ आप से ये दिल मेरामुझ से पूछे बग़ैर करता है - डॉ. कुमार विश्वास 

दिल तो करता है ख़ैर करता है 
आप का ज़िक्र ग़ैर करता है 

क्यूँ न मैं दिल से दूँ दुआ उस को 
जबकि वो मुझ से बैर करता है 

आप तो हू-ब-हू वही हैं जो 
मेरे सपनों में सैर करता है 

इश्क़ क्यूँ आप से ये दिल मेरा 
मुझ से पूछे बग़ैर करता है 

एक ज़र्रा दुआएँ माँ की ले 
आसमानों की सैर करता है 

- डॉ. कुमार विश्वास 

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