ये झीलों का शहर है, पहाड़ों का शहर है इसके अमन में न कोई बो सका ज़हर है यहां…
शाम से आँख में नमी सी है आज फिर आप की कमी सी है दफ़्न कर दो हमें कि साँस…
भूली हुई सदा हूँ मुझे याद कीजिए तुम से कहीं मिला हूँ मुझे याद कीजिए कौन जाने कि इक …
एक ही मुश्दा सुभो लाती है ज़हन में धूप फैल जाती है सोचता हूँ के तेरी याद आखिर अब किसे …
कहीं पे धूप की चादर बिछा के बैठ गए कहीं पे शाम सिरहाने लगा के बैठ गए जले जो रेत में तल…
चिंतन दर्शन जीवन सर्जन रूह नज़र पर छाई अम्मा सारे घर का शोर शराबा सूनापन तनहाई अम्मा …
रिश्ते बस रिश्ते होते हैं कुछ इक पल के कुछ दो पल के कुछ परों से हल्के होते हैं बरसों क…
कुरान हाथों में लेके नाबीना एक नमाज़ी लबों पे रखता था दोनों आँखों से चूमता था झुकाके प…
हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते जिस की आ…
उसके पहलू से लग के चलते हैं हम कहीं टालने से टलते हैं मै उसी तरह तो बहलता हूँ और सब जि…
हालत-ए-हाल के सबब हालत-ए-हाल ही गई शौक़ में कुछ नहीं गया शौक़ की ज़िंदगी गई एक ही हादस…
लौ-ए-दिल जला दूँ क्या कहकशाँ लुटा दू क्या है सवाल इतना ही इनका जो भी मुद्दा है मैं उसे…
कितने ऐश उड़ाते होंगे कितने इतराते होंगे | जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भात…
उम्र गुज़रेगी इम्तहान में क्या ? दाग ही देंगे मुझको दान में क्या ? मेरी हर बात बेअसर ह…
अब जुनूँ कब किसी के बस में है उसकी ख़ुशबू नफ़स-नफ़स में है हाल उस सैद का सुनाईए क्या ज…
तेरी हरबात मोहब्ब्त में गंवारा करके दिल के बाजार में बैठे खसारा करके मुन्तजिर हूं कि स…
इश्क में जीतके आने के लिये काफी हूं में निहत्था ही जमाने के लिये काफी हू मेरी हकीकत को…
सियासत में जरूरी है रवादारी समझता है वो रोजा तो नहीं रखता पर इफतारी समझता है।…
नई हवाओं की सौहवत विगाड़ देती है कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है जो जुर्म…
कश्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया इस पार के थपेड़ों ने उस पार कर दिया अफवाह थी कि मेरी तब…
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